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वेदों में अंतिम नबी का चर्चा

वेदों  में अंतिम नबी का चर्चा
डॉ पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय का जन्म 7 फरवरी 1947  को ग्राम: बरहमपुर, पोस्ट: नारा, जिला: इलाहाबाद में हुआ था।
डॉ पंडित वेद प्रकाश उपाध्याय ने भारत में हिंदू मुस्लिम के बीच में सामाजिक सद्भाव पैदा करने और आपस के नफरत को दूर करने के लिए तीन निम्न महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं‌।
(1) *कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब*
(2) *निरासंश और अंतिम ऋषि*
(3) *धार्मिक एकता की ज्योति*
इन तीनों पुस्तकों को 1969 और 1970 में डॉ वेद प्रकाश उपाध्याय ने निजी देखरेख में "सरस्वत वेदांत प्रकाश संगठन" बरहमपुर, इलाहाबाद से प्रकाशित कराया।
दो पुस्तकों की लिंक नीचे दी जाती हैं।

*डॉ पंडित वेद प्रकाश की शैक्षिक योग्यता*
एम. ए. (इलाहाबाद) 
एम. ए. जे एन यू (अमृतसर) 
एल. एल. बी., डी. फिल, डी. लिड (इलाहाबाद) आचार्य, वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र डिप इन जर्मन (स्वर्ण पदक प्राप्त)
 रीडर पंजाब यूनिवर्सिटी (चंडीगढ़) 

डॉ. पंडित उपाध्याय संस्कृत, धर्मशास्त्र, साहित्य, तन्त्र, न्याय एवं दण्ड व्यवस्था आदि के मर्मज्ञ एवं उत्कृष्ट विद्वान् हैं। 
 उन सब के अलावे उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ में 1970 से 2010 तक अपनी सेवाएं दी, और संस्कृत विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए।
 इनके वैदुष्यपूर्ण शोधकार्य से प्रभावित होकर अनेक राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
 इन्ही उपलब्धियों के आधार पर आठ स्वर्ण पदक भी प्राप्त किए।
इसके अतिरिक्त 100 से अधिक संस्कृत के शास्त्रीय सम्मेलनों में इनकी सहभागिता रही, 26 अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं शोध संगोष्ठियों में अध्यक्षता की, उनके 15 शोधपरक एवं मौलिक ग्रन्थ तथा 100 शोधपत्र प्रकाशित हुए तथा इनके निर्देशन में 70 शोध छात्रों ने एम. फिल. व 60 ने पी.एच.डी. की उपाधि ग्रहण की।
वर्तमान में ये अनेक समितियों के अध्यक्ष व सदस्य भी हैं। 
*राष्ट्रपति सम्मान*
प्रत्येक वर्ष भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्च स्तर के साहित्यिक उपलब्धि प्राप्त करने वालों को राष्ट्रपति सम्मान दिया जाता है।
2018 को डॉक्टर वेद प्रकाश उपाध्याय को  यह सम्मान दिया गया।

*पुस्तकों का लिंक*


मुहम्मद उवेस रजा 
सदस्य: पैगामे अमन रिसर्च कमेटी
22-04-2021

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